दिनदहाड़े लूट:बीकानेर में मैनेजर को गोली मार ग्रामीण बैंक से 11 लाख रु. लूटे; दो युवक सीसीटीवी में कैद

 दिनदहाड़े लूट:बीकानेर में मैनेजर को गोली मार ग्रामीण बैंक से 11 लाख रु. लूटे; दो युवक सीसीटीवी में कैद


सोमवार को मुक्ताप्रसाद नगर में मुख्य मार्ग पर स्थित इस बैंक में लुटेरे लूट कर गए।
बीकानेर के मुक्ताप्रसाद नगर स्थित ग्रामीण बैंक में सोमवार शाम अचानक पहुंचे लुटेरों ने गोलियां चलाईं और वहां रखे रुपए लेकर फरार हो गए। लुटेरे करीब पौने ग्यारह लाख रुपए लेकर गए। घायल बैंक मैनेजर मदन लाल को पीबीएम अस्पताल के ट्रामा सेंटर पहुंचाया गया है। उधर, शहर के सभी मार्गों पर पुलिस ने नाकाबंदी करके एक एक गाड़ी की छानबीन शुरू कर दी है।
ये है घटनाक्रम
शाम करीब पौने पांच बजे दो युवक बैंक के अंदर घुसे थे। दोनों में एक सीधे काउंटर के अंदर प्रवेश कर गया। तब एक कर्मचारी बाहर फाइलें देख रहा था। उसने जोर से चिल्लाकर लाइन में आने के लिए बोला। इसी दौरान दूसरा लुटेरा कैबिन परिसर के अंदर घुसा और कर्मचारियों को रुपए बताने के लिए बोला। इस दौरान एक व्यक्ति केबिन के पास था, जिसे लुटेरे ने पकड़कर जबरन अंदर की ओर धकेला। इसके बाद फायरिंग कर दी। एक बार फायर के कुछ पल के बाद ही दूसरी फायरिंग भी कर दी। इसी दौरान एक फायर मैनेजर के जाकर लगा, जो घायल हो गया।

इसके बाद लॉकर खुलवाया गया, जिसमें करीब दस लाख सत्तर हजार रुपए थे। वो एक बैग में भरकर बाहर निकल गए। उन्होंने अपना वाहन बैंक के आसपास नहीं रखा क्योंकि सीसीटीवी फुटेज में आ सकता था। दूर रखे वाहन की ओर लपके और निकल लिए। पास में ही बड़ा स्टोर है लेकिन किसी को घटनाक्रम के बारे में पता नहीं चला। लुटेरे आसानी से भाग गए। बताया जा रहा है कि 17-18 नंबर गली की ओर से दोनों लुटेरे निकले थे।



 इन दो युवकों पर ही लूट करने का शक है, जो बैंक की पास की गली से पैदल ही मुंह ढककर पहुंचे थे।

घटना के बाद बैंक कर्मचारियों ने पुलिस को सूचना दी और मैनेजर को पीबीएम अस्पताल भेजा गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पवन मीणा ने बताया कि लूट की वारदात के बाद शहर में नाकेबंदी कर दी गई है। कोई भी गाड़ी बिना जांच के बाहर नहीं जा रही है। मौके पर सीओ सिटी सुभाष शर्मा पहुंचे। बाद में पुलिस अधीक्षक और बीकानेर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक भी आए।


पहले मोबाइल लिए, फिर बाहर फेंके

लुटरों ने अंदर घुसने के साथ ही कर्मचारियों व एक अन्य व्यक्ति का मोबाइल कब्जे में ले लिया। लूट की वारदात पूरी होने के बाद मोबाइल वहीं आसपास फैंक गए, ताकि उनकी लोकेशन का पता न चल सके। यह मोबाइल किसी राहगीर को दिखाई दिए थे, जो पुलिस के सुपुर्द कर दिए गए। सीओ सीटी सुभाष शर्मा ने बताया कि मोबाइल लुटेरो के नहीं बल्कि वहां उपस्थित लोगों थे। नाकाबंदी में भी कोई पकड़ में नहीं आया है।


केबिन में की गई फायरिंग से बहा खून।

गैंग का हिस्सा या नौसिखिये थे लुटेरे?

जिस तरह लूट को अंजाम दिया गया उससे लगता है कि लुटेरे किसी पारंगत गैंग से नहीं है बल्कि कोई नौसिखिया रहे हैं। जिस तरह घटनाक्रम को अंजाम दिया गया और मौके पर बिना विरोध के फायरिंग की गई, उससे लगता है कि वो घटना को अंजाम देते हुए घबरा रहे थे।


बैंक मैनेजर का चैंबर जहां उसके हाथ पर लगी गोली से बहा खून।

कर्मचारी पुलिस घेरे में
घटनाक्रम के बारे में बताने के लिए मौके पर माैजूद किसी कर्मचारी को मीडिया के सामने नहीं आने दिया गया। दरअसल, मौके पर मौजूद बैंक कर्मचारी हिसाब किताब मिलाने में भी व्यस्त रहे। आठ बजे तक कोई भी कर्मचारी बाहर नहीं निकल पाया। एफएसएल की टीम काम कर रही है।


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